बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। सभी प्रमुख दल अपनी-अपनी चुनावी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। इसी क्रम में जेडीयू ने एक बड़ा राजनीतिक दांव खेलते हुए राज्य के अधिवक्ताओं को अपने पक्ष में लामबंद करने की पहल की है। शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना स्थित जेडीयू प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में पार्टी के विधि प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित ‘अधिवक्ता समागम’ का उद्घाटन किया। चुनाव से पहले इस तरह के आयोजन को रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है।
जेडीयू का यह प्रयास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बिहार में अधिवक्ताओं की संख्या लगभग डेढ़ लाख से अधिक है। यदि इनमें से एक बड़ा हिस्सा नीतीश कुमार और जेडीयू के समर्थन में एकजुट हो जाता है, तो इसका चुनावी लाभ पार्टी को मिल सकता है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए विधि प्रकोष्ठ के माध्यम से अधिवक्ताओं को संगठित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में जेडीयू विधि प्रकोष्ठ का गठन किया गया है और उन्हें पूरा विश्वास है कि यह प्रकोष्ठ पार्टी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने अधिवक्ताओं से अपील की कि वे ‘न्याय के साथ विकास’ के सिद्धांत को धरातल पर उतारने में सहयोग करें और आगामी चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने के लिए पूरी ताकत से एकजुट होकर कार्य करें।
नीतीश कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि जेडीयू अब पूरी तरह से एनडीए के साथ है। उन्होंने कहा, “हम शुरू से एनडीए का हिस्सा रहे हैं। बीच में कुछ समय के लिए अलग हुए थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हम एनडीए के सभी सहयोगियों के साथ मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। “अंत में, उन्होंने अधिवक्ता समागम के सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद देते हुए पार्टी के प्रति सहयोग की अपेक्षा जताई।