जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के डूडा बसंतगढ़ इलाके में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए भारतीय सेना के जवान झंटू अली शेख को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद के जनाजे में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, सैन्य अधिकारी और आम नागरिक जुटे थे।
इस दौरान शहीद के भाई रफीकुल शेख का भावुक भाषण सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। रफीकुल ने कब्रिस्तान में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए सेना की एकता और भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश की। उन्होंने कहा,
“हम सैनिक हैं, और सैनिकों का न कोई धर्म होता है, न कोई जाति। भारतीय सेना का कोई धर्म नहीं होता। सेना में सभी एक साथ खाते-पीते हैं, एक साथ रहते हैं। अगर किसी में हिम्मत है तो सामने आकर कहे कि भारतीय सेना हिंदू या मुस्लिम है। भारतीय सेना वो जगह है जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन और बौद्ध – सब एक ही थाली में खाना खाते हैं। भाईचारा क्या होता है, ये जानना है तो सेना में जाकर देखो।”
रफीकुल शेख के इन शब्दों ने सभी की आंखें नम कर दीं और एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारतीय सेना सच्चे मायनों में एकता और अखंडता की प्रतीक है।