केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सोमवार को यमुना नदी में प्रदूषण स्तर को लेकर अहम जानकारी दी। मंत्रालय के मुताबिक, यमुना में 33 स्थानों पर जल गुणवत्ता की निगरानी की जा रही है, जिनमें से 22 स्थानों पर पानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मानकों पर खरा नहीं उतरा।
सूत्रों के अनुसार, संसद की स्थायी समिति के समक्ष मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश के सभी निगरानी स्थल जल गुणवत्ता परीक्षण में असफल रहे हैं। दिल्ली में मॉनिटरिंग किए गए 7 और उत्तर प्रदेश में 12 स्थलों के जल सैंपल सीपीसीबी के मानकों को पूरा नहीं कर सके।
वहीं, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से राहत भरी खबर आई है। दोनों राज्यों में यमुना नदी के 4-4 निगरानी स्थलों पर लिया गया पानी गुणवत्ता मानकों पर पूरी तरह खरा उतरा। इससे यह स्पष्ट होता है कि यमुना के ऊपरी हिस्से में पानी अभी भी साफ है, जबकि निचले हिस्सों में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है।
यह रिपोर्ट यमुना नदी के बिगड़ते हालात पर गहरी चिंता व्यक्त करती है और साफ संकेत देती है कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता है। सरकार के समक्ष यह एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है।