प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया। सरकार ने बहुप्रतीक्षित जातीय जनगणना को मंजूरी दे दी है। यह फैसला सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं ने इस निर्णय पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों को सही पहचान और सरकारी योजनाओं में उनकी उचित भागीदारी दिलाने की दिशा में यह एक निर्णायक पहल है।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “कांग्रेस ने लगातार जातिगत जनगणना की माँग उठाई थी। आज मोदी सरकार ने यह फैसला लिया है, जो सही दिशा में कदम है।”
बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रतिक्रिया दी, “जातीय जनगणना काफी देर से उठाया गया सही कदम है। बीएसपी इसकी माँग लम्बे समय से कर रही थी। उम्मीद है कि यह फैसला समय से लागू किया जाएगा।”
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “इस निर्णय से विभिन्न जातियों की वास्तविक स्थिति सामने आएगी। हम इसका स्वागत करते हैं और केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हैं।”
यह फैसला सामाजिक न्याय के क्षेत्र में केंद्र सरकार की गंभीरता और जवाबदेही को दर्शाता है, जिसकी व्यापक स्तर पर सराहना हो रही है।