सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच रिटायर्ड जजों की निगरानी में कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने न केवल याचिका को खारिज किया, बल्कि याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार भी लगाई।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटीश्वर सिंह की बेंच ने टिप्पणी की कि यह याचिका दाखिल करने का उपयुक्त समय नहीं है और इस तरह की अर्जी सुरक्षा बलों के मनोबल को प्रभावित कर सकती है। जस्टिस सूर्यकांत ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम कब से इस तरह के मामलों के विशेषज्ञ हो गए? क्या हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज रक्षा मामलों में विशेषज्ञता रखते हैं?”
अदालत ने यह भी कहा कि संवेदनशील राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में जल्दबाजी में याचिकाएं दाखिल करना न केवल अनुचित है, बल्कि इससे सुरक्षा एजेंसियों के काम में बाधा आ सकती है। कोर्ट ने याचिका को समयपूर्व और अनुचित मानते हुए खारिज कर दिया।
यह खबर प्रारंभिक जानकारी पर आधारित है और आगे चलकर इसमें और तथ्य जोड़े जा सकते हैं।