बिहार के समस्तीपुर से ताल्लुक रखने वाले ‘स्नैक मैन’ जय कुमार सहनी अब हमारे बीच नहीं रहे। 2000 से अब तक हजारों जहरीले सांपों को बचाने वाले जय कुमार न केवल एक रेस्क्यूअर थे, बल्कि सांपों के प्रति समाज की सोच बदलने की एक मुहिम भी थे। वे लोगों को डराने की बजाय जागरूक करते थे—यह सिखाते थे कि सांप खतरनाक हैं, पर उन्हें समझा और बचाया जा सकता है।
जय कुमार को एक रेस्क्यू कॉल पर बुलाया गया था, जहां उन्हें एक जहरीले सांप ने डस लिया। दुर्भाग्यवश, अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। विडंबना यह रही कि जिस नाग वंश की रक्षा का संकल्प उन्होंने लिया था, वही अंततः उनके जीवन का कारण बना।
जय कुमार ने अपने जीवन में हजारों लोगों को सांपों के हमले से बचाया, कई दुर्लभ प्रजातियों को जंगल में सुरक्षित छोड़ा, और गांव-गांव जाकर लोगों को यह समझाया कि सांप मारने की चीज नहीं, समझने की जरूरत हैं। वे वन्यजीवों के लिए एक चलती-फिरती चेतना थे।
उनका जाना केवल समस्तीपुर या बिहार के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। जय कुमार सहनी ने जो काम शुरू किया, वह आज एक प्रेरणा है—संवेदनशीलता, साहस और समर्पण की मिसाल।
जय कुमार को हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि।